एशियन गेम्स 2018 में स्टार शटलर पीवी सिंधु ने बैडमिंटन के महिला सिंगल्स के खिताबी मुकाबले में वर्ल्ड नंबर वन ताइ जू यिंग से सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह इतिहास रचने में कामयाब रहीं। वह एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बन गईं हैं। भारतीय उम्मीदों का बोझ कंधे पर लिए कोर्ट में उतरी सिंधु को पहला गेम में 13-21 से हार मिली। हालांकि दूसरे गेम में उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी, लेकिन पार नहीं पा सकीं। इस गेम में उन्हें 16-21 से हार का सामना करना पड़ा।
पीवी सिंधु ने सेमीफाइनल में जापान की अकाने यामागुची को 2-1 से हराकर फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनी थीं। भारतीय स्टार शटलर ने पहला गेम 21-17 से अपने नाम किया, जबकि दूसरे गेम में उन्हें 15-21 से हार मिली। तीसरे गेम में सिंधु ने वापसी करते हुए 21-10 से जीत दर्ज करते हुए फाइनल का टिकट कटाया था। यह दोनों खिलाड़ियों के बीच 13वां मुकाबला था। सिंधु ने 9 में जीत हासिल की, जबकि 4 मुकाबले यामागुची के नाम रहे।
पीवी सिंधु ने अपने क्वॉर्टर फाइनल में थाइलैंड की निचौन जिंदापोल को 21-11, 16-21 और 21-14 से हराकर यह मैच अपने नाम किया। मैच का पहला गेम जीतने में सिंधु को कोई परेशानी नहीं हुई और उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी जिंदापोल पर लगातार बढ़त बनाए रखी, लेकिन दूसरे गेम में विपक्षी खिलाड़ी ने जीत दर्ज करते हुए मैच में वापसी कर ली। हालांकि सिंधु ने तीसरे गेम अपने नाम करते हुए मैच जीत लिया।
इससे पहले पीवी सिंधु ने प्री-क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में सिंधु ने इंडोनेशिया की तुनजुंग ग्रेगोरिया मरिस्का को हराकर क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश किया था। राउंड ऑफ 16 का यह मुकाबला सिंधु ने आसानी से 34 मिनटों में अपने नाम किया। इससे पहले पीवी सिंधु और इंडोनेशिया की तुनजुंग ग्रेगोरिया मरिस्का के बीच तीन मुकाबले खेले गए थे, जिसमें सभी में भारतीय शटलर ने जीत दर्ज की थी। राउंड ऑफ 32 में उन्होंने वियतनाम की वू थि त्रांग को हराया था।
निरंजन कुमार