Manipur: मणिपुर में आज एक दिवसीय विधासनभा सत्र के दौरान बीजेपी सरकार (BJP Government) का बहुमत परीक्षण है। इससे राज्य में BJP की अगुआई में चल रही गठबंधन सरकार के भविष्य का फैसला हो जाएगा। बीजेपी और कांग्रेस ने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। विधानसभा में BJP के 18 और कांग्रेस के 24 विधायक हैं।
60 सदस्यों वाली विधानसभा से तीन विधायकों के इस्तीफे और चार सदस्यों के दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए जाने के बाद अब कुल 53 सदस्य हैं। BJP अध्यक्ष तिकेंद्र सिंह ने विश्वास जताया कि उनकी सरकार बहुमत हासिल करेगी। उन्होंने 30 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया, जबकि गठबंधन के 29 विधायक हैं।
अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कांग्रेस विधायक किशाम मेघाचंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की ओर से लगाए गए विस्वास प्रस्ताव को आज के लिए अजेंडे में शामिल किया गया है। उन्होंने कह, ”सभा के नियमों में साफ किया गया है कि यदि एक ही मुद्दे पर समान भावना के साथ दो प्रस्ताव लाए गए हैं, एक सरकार और एक विपक्ष की ओर से तो प्राथमिकता सरकार के प्रस्ताव को दी जाएगी। कांग्रेस चर्चा में हिस्सा लेगी।”
मणिपुर (Manipur) में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 60 सीटों में से कांग्रेस ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी और वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इन सदस्यों में से टी श्यामकुमार को भाजपा में शामिल होने के बाद दलबदल रोधी कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने हाल ही में कांग्रेस के तीन और विधायकों के बीरेन सिंह, वाई सूरचंद्र सिंह और एस बीरा सिंह को भी अयोग्य करार दिया। प्रदेश कांग्रेस ने जुलाई में राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में कथित तौर पर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डालने पर दो विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
मणिपुर (Manipur) में कांग्रेस ने अपने 24 विधायकों को एक दिवसीय विधानसभा सत्र में शामिल होने और भाजपा नीत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है। कांग्रेस विधायकों ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया है।
वरिष्ठ विधायक और कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक के. गोविंदास ने बुधवार को PTI को बताया कि पार्टी विधायकों को 10 अगस्त को सदन में चर्चा और मतदान के लिए उपस्थित रहने के लिहाज से तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन करता है तो उसे भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची के पैराग्राफ 2 (1) (बी) के तहत मणिपुर विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाएगा।
BJP की अगुआई वाली गठबंधन सरकार 17 जून को उस समय संकट में आ गई जब छह विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया और तीन विधायक पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि, नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) के चार विधायक बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं और मेघालय के मुख्य मंत्री कोनार्ड के संगमा के हस्तक्षेप के बाद लौट आए।