भारत को पहला राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Fighter Jet) मिल गया है. विजयादशमी और एयरफोर्स डे (Air Force Day) के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने फ्रांस के बोर्दो में दसॉल्ट (Dassault Aviation) के संयंत्र में पहुंचकर इसकी डिलिवरी ली.
राफेल विमान की खासियतें
- यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जिसे हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता है.
- अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मिटिओर मिसाइल भी है.
- 150 किमी की बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल और हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल से भी होगा लैस.
- स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी.
- अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा और 3700 किमी. तक मारक क्षमता.
- एक मिनट में 60,000 फ़ुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस.
- 24,500 किलो भार उठाकर ले जाने में सक्षम और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी.
- 75% विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार रह सकते हैं, परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है.
- अफगानिस्तान और लीबिया में अपनी ताकत का प्रदर्शन कर चुका है राफेल
- भारतीय वायुसेना के हिसाब से इस विमान में कई फेरबदल किए गए हैं.
राफेल उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस लड़ाकू विमान है. राफेल के हैंडओवर समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘यह एक ऐतिहासिक दिन है. यह भारत और फ्रांस के बीच गहरा संबंध दिखाता है.’ उन्होंने कहा कि राफेल विमान के शामिल होने से एयरफोर्स की क्षमता में इजाफा होगा. बता दें कि 36 राफेल जेट (Rafale Jet) विमानों में पहला विमान भारत को मंगलवार को ही मिल जाएगा, लेकिन चार विमानों की इस पहली खेप को भारत पहुंचने में अगले साल मई तक इंतजार करना पड़ेगा. सभी 36 राफेल जेट विमान सितंबर, 2022 तक भारत पहुंचने की उम्मीद है. उसके लिए भारतीय वायुसेना जरूरी बुनियादी ढांचा तैयारी करने और पायलटों को प्रशिक्षण देने समेत जरूरी तैयारियां कथित रूप से कर रही है.
इससे पहले रक्षा मंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों से मुलाकात की और दोनों देशों के रक्षा एवं रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने के बारे में चर्चा की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहला राफेल भारत को आधिकारिक रूप से सौंपे जाने के कार्यक्रम के सिलसिले में फ्रांस आए हुए हैं.
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एलिसी पैलेस में उनसे मुलाकात के दौरान राजनाथ सिंह ने फ्रांस को भारत का ‘महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार’ बताया. फ्रांस आए मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल रक्षा सचिव अजय कुमार ने कहा, ‘फ्रांस के साथ हमारे बहु-आयामी संबंध हैं और संबंध सभी मोर्चों पर आगे बढ़ रहे हैं. आज की बातचीत दोनों देशों के बीच व्यापक रक्षा चर्चा का हिस्सा है.’
मैक्रों से मुलाकात से पहले राजनाथ सिंह ने फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले के साथ भी बैठक की. बैठक में फ्रांस के राष्ट्रपति के रक्षा सलाहकार एडमिरल बरनर्ड रोजेल भी मौजूद थे. भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के बेड़े में इस लड़ाकू विमान के शामिल होने पर देश की सामरिक ताकत बढ़ेगी और दक्षिण एशिया में जहां पाकिस्तान का हमेशा शत्रुता का बर्ताव रहा है वह आंख उठाकर देखने की हिमाकत नहीं करेगा. रक्षा विशेषज्ञों की माने तो राफेल की क्षमता के समान पाकिस्तान के पास अब तक कोई विमान नहीं है. बता दें कि फ्रांस, मिस्र और कतर के बाद भारत चौथा देश बन गया है जिसके आकाश में राफेल विमान उड़ान भरेगा.
राफेल 4.5वीं पीढ़ी का विमान है जिसमें राडार से बच निकलने की युक्ति है. इससे भारतीय वायुसेना (IAF) में आमूलचूल बदलाव होगा, क्योंकि वायुसेना के पास अब तक के विमान मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई या तो तीसरी पीढ़ी या चौथी पीढ़ी के विमान हैं. मालूम हो कि भारत ने करीब 59 हजार करोड़ रुपये मूल्य पर 36 राफेल लड़ाकू जेट विमान खरीदने के लिए सितंबर, 2016 में फ्रांस के साथ अंतर-सरकारी समझौता किया था.