अनुच्छेद 370 (Article 370) को लेकर चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने कहा कि जो भी अनुच्छेद 370 का समर्थक होगा, लोग उसे जूते मारेंगे। मलिक यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ अपने वाकयुद्ध और Twitter वार पर उन्होंने कहा कि राहुल देश के एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते हैं। इसलिए मैं उनके बारे में कोई बात नहीं करना चाहता, लेकिन कश्मीर मुद्दे पर उनका व्यवहार एक पोलिटिकल जूवेनाइल (Political Juvenile) की तरह रहा है। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में पाकिस्तान ने उनके नाम का भी जिक्र किया है।
लोकसभा में अधीर रंजन के बयान पर कांग्रेस को अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए। अधीर जब कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र से जोड़ रहे थे, तो राहुल गांधी को टोकना चाहिए था। राहुल के राजनीतिक विरोधियों को अब चुनाव में कुछ कहने की जरूरत नहीं है, वह सिर्फ यही कहेंगे कि राहुल गांधी अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ थे। इसके बाद वह बोले, जो भी अनुच्छेद 370 का समर्थक होगा तो लोग उसे जूते मारेंगे।
मलिक (Satyapal Malik) ने कहा कि 5 अगस्त से आज तक राज्य में किसी भी राजनेता के साथ मेरी कोई मुलाकात या बातचीत नहीं हुई है। मेरी उमर और महबूबा के साथ टेलीफोन पर भी कोई बात नहीं हुई है। किसी नेता की हिरासत या रिहाई से मेरा कोई नाता नहीं है। प्रशासन ही हालात की समीक्षा के आधार पर इसका फैसला करता है।
राज्यपाल ने नेताओं को हिरासत में लेने को सही ठहराते हुए कहा कि इससे दुखी होने की जरूरत नहीं है। इससे इन लोगों को अपने राजनीतिक करियर में फायदा ही होगा।
कश्मीर पर अपनी टिप्पणियों और पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र के समक्ष उनका इस्तेमाल करने होता देख, राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट किया कि जम्मू और कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है और इसमें पाकिस्तान या किसी अन्य देश के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। हालांकि, सत्यपाल मलिक ने कश्मीर पर कांग्रेस के रुख में डबल स्टैंड वाला बताया।
कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक (Satyapal Malik) ने कहा, ‘राहुल गांधी को तब बात करनी चाहिए थी जब लोकसभा में उनकी पार्टी के नेता ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र से जोड़ा था। उन्हें अपने नेता को फटकार लगानी चाहिए थी और उन्हें खुद कांग्रेस का स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए था, लेकिन कश्मीर पर कांग्रेस का रुख क्या है? इस बात पर अब तक रुख साफ नहीं किया गया है’।