कश्मीर (Kashmir) के हालात में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए राज्य सरकार ने पांच अगस्त को Article 370 हटाने से पहले पर्यटकों (Tourist) को कश्मीर घाटी छोड़ने की एडवाइजरी वापस ले ली है। नई व्यवस्था 10 अक्तूबर से प्रभावी होगी।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने सोमवार को राज्य के हालात तथा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के दौरान एडवाइजरी वापस लेने की हिदायत दी। दो अगस्त को राज्य के गृह विभाग की ओर से बड़े आतंकी हमले की आशंका पर एडवाइजरी जारी कर पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को तत्काल घाटी से लौटने के लिए कहा गया था।
राजभवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के दौरान बताया गया कि पिछले छह सप्ताह में घाटी के ज्यादातर इलाकों से पाबंदियां हटा ली गई हैं। राज्यपाल ने घाटी के हालात को सामान्य बनाने पर जोर दिया। बैठक में यह भी बताया गया कि हायर सेकेंडरी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोल दिए गए हैं।
सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई हैं। टीआरसी में 25 अतिरिक्त काउंटर खोले गए हैं। प्रत्येक जिले में लोगों की सुविधा के लिए 25 इंटरनेट कियोस्क स्थापित किए गए हैं। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति पर नजर रखी जा रही है।
बीडीसी चुनाव के बारे में बताया गया कि इसको लेकर उत्साह है। सभी एआरओ को मोबाइल फोन उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार का व्यवधान न हो। जेल में बंद नेताओं से मिलने के लिए पार्टियों को अनुमति दी गई है। बैठक में सलाहकारों के अलावा मुख्य सचिव भी उपस्थित रहे। ज्ञात हो कि पांच अगस्त से राज्यपाल रोजाना शाम छह से आठ बजे तक दो घंटे राज्य के हालात तथा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करते हैं।
राज्य सरकार के इस फैसले से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। घरेलू पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। घाटी के हालात के मद्देनजर घरेलू पर्यटकों ने कश्मीर का रुख करना लगभग बंद कर दिया है। पिछले दिनों कुछ विदेशी पर्यटक डल झील पहुंचे थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद विदेशी तथा घरेलू पर्यटकों की ओर से लद्दाख को ज्यादा पसंद किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि सवा तीन करोड़ की लागत से 850 टन सेब की खरीद हो चुकी है। सेब की बिक्री दर में कुछ परिवर्तन किया जाएगा। इसकी घोषणा जल्द की जाएगी।