राजधानी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के प्रॉजेक्ट में अड़ंगा लगाए जाने के आरोपों पर एलजी ने भी सफाई दी है। एलजी ने कहा कि सीसीटीवी लगाने के लिए तैयार किए गए ड्राफ्ट रूल्स को लेकर यह गलतफहमी फैलाई जा रही है कि इसमें लाइसेंस मैकेनिज्म को भी शामिल किया गया है। एलजी ने कहा कि वह फिर से यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि प्रिसिंपल सेक्रेटरी (होम) की अध्यक्षता में बनाई गई कमिटी सीसीटीवी के ड्राफ्ट रूल्स को जनता के सुझावों और आपत्तियों के लिए पहले जनता के समक्ष रखेगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट रूल्स में केवल रिपोर्टिंग मेकेनिज्म का जिक्र किया गया है, लाइसेंसिंग मेकेनिज्म का नहीं। यह भी एक सच्चाई है कि बिना किसी आपसी तालमेल के पहले ही 2 लाख से ज्यादा कैमरे लगाए जा चुके हैं।
ऐसे में इन्हें लगाने के लिए एक सही फ्रेमवर्क और इन्फर्मेशन मैकेनिज्म की जरूरत है, ताकि दिल्ली में सभी सार्वजनिक जगहों पर लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों का अधिकतम इस्तेमाल लॉ एनफोर्समेंट, महिलाओं की सुरक्षा, अपराधों की रोकथाम और जांच में उनका अधिकतम इस्तेमाल किया जा सके और लोगों की प्राइवेसी का भी उल्लंघन ना हो।