देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन को टक्कर देने के लिए रिलायंस ने कमर कस ली है। इसकी शुरुआत गुजरात से होगी। देश के सबसे धनी व्यक्ति एवं रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि रिलायंस गुजरात में अगले 10 साल में तीन लाख करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जतायी। उन्होंने कहा कि वह ऊर्जा, पेट्रोरसायन, नयी तकनीक से लेकर डिजिटल कारोबार सहित कई परियोजनाओं में यह निवेश करेंगे।अंबानी ने नौंवे वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गुजरात रिलायंस की जन्मभूमि और कर्मभूमि है। गुजरात हमेशा से हमारी पहली पसंद रहा है और रहेगा।’’
अंबानी ने कहा कि जियो का नेटवर्क 5जी सेवाओं के लिए तैयार है। इसलिए अब उसकी दूरसंचार इकाई और खुदरा कारोबार इकाई मिलकर एक नया वाणिज्यक मंच तैयार करेगी जो छोटे खुदरा व्यापारियों, दुकानदारों और ग्राहकों को आपस में जोड़ेगा।
आज की तारीख में गुजरात, जियो की 4जी बेतार ब्रॉडबैंड सेवा के लिए एक आदर्श है और जियो का नेटवर्क 5जी के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसका मतलब आने वाले सालों में भी गुजरात डिजिटल कनेक्टिविटी के मामले में सबसे आगे रहेगा।
हालांकि, किसी समय सीमा की घोषणा के बिना उन्होंने कहा कि जियो और रिलायंस रिटेल मिलकर एक नया वाणिज्य मंच शुरू करेंगे जो गुजरात के 12 लाख छोटे दुकानदारों को सशक्त करेगा और यह भारत के तीन करोड़ व्यापरियों के समुदाय का हिस्सा है।
अंबानी ने कहा कि गुजरात के जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी चलाती है। साथ ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में उसकी पेट्रोरसायन इकाइयां हैं। रिलायंस समूह ने रिलायंस जियो के माध्यम से दूरसंचार क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने गुजरात राज्य में अब तक करीब तीन लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, और यहां करीब 10 लाख लोगों के लिए आजीविका के अवसर पैदा किए हैं। पिछले दशक की तुलना में रिलायंस आने वाले दस साल में अपने निवेश और रोजगार की संख्या को दोगुना करेगा।’’
जामनगर स्थित कंपनी की दोनों रिफाइनरियां अब ईंधन का कम और पेट्रोकेमिकल जैसे मूल्य वर्द्धित उत्पादों का अधिक उत्पादन करेंगी क्योंकि दुनिया अब इलेक्ट्रिक वाहन की ओर बढ़ रही है।
मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘डेटा के औपनिवेशीकरण’ के खिलाफ कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारतीय डेटा भारतीयों के पास ही रहना चाहिए। राजनीतिक औपनिवेशीकरण के खिलाफ महात्मा गांधी के अभियान का उल्लेख करते हुए अंबानी ने कहा कि भारत को अब डेटा पर दूसरे देशों के कब्जे को खत्म करने के लिए नया अभियान छेड़ने की जरूरत है।
वाइब्रेंट गुजरात समिट में अंबानी ने कहा गांधी जी की अगुवाई में भारत ने राजनीतिक औपनिवेशीकरण के खिलाफ अभियान चलाया। अब हमें आंकड़ों के औपनिवेशीकरण के खिलाफ सामूहिक तौर पर अभियान छेड़ने की जरूरत है।”
अंबानी ने कहा कि नये विश्व में आज डेटा नई संपत्ति है। भारतीय आंकड़े भारत के लोगों के पास होने चाहिए, ना कि वैश्विक कंपनियों के पास होने चाहिये।
अंबानी ने भारतीय लोगों के आंकड़ों को वापस भारत लाने के लिए प्रयास करने का आह्वान किया। दिग्गज उद्योगपति ने प्रधानमंत्री की सराहना करते हुए कहा कि पूरे विश्व में ‘मोदी’ की पहचान काम करने वाले व्यक्ति के रूप में हुई है।