राज्यसभा में वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश नारायण सिंह को उपसभापति के रूप में चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि कलम की प्रतिभा के धनी हरिवंश जी की प्रतिभा से सभी माननीय सांसदों को सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने सदस्यों को नए उपसभापति के चुनाव के लिए बधाई दी और विपक्ष के उम्मीदवार वी के हरिप्रसाद का भी संसदीय गरिमा के पालन के लिए आभार जताया।
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का भी महान दिन है। हरिवंश जी कलम के प्रतिभा के धनी हैं और बलिया के हैं। सभी जानते हैं कि बलिया की भूमि का योगदान आजादी के आंदोलन में रहा है।’ पीएम ने नए उपसभापति के पत्रकारीय कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हैदराबाद, कोलकाता जैसे बड़े शहरों की चकाचौंध को छोड़कर तब के संयुक्त बिहार और अब के झारखंड में लौटने का फैसला किया।
पीएम ने कहा, ‘हम जानते हैं कि एसपी सिंह के साथ उन्होंने काम किया, धर्मयुग में भारती जी के साथ ट्रेनी के तौर पर काम किया। दिल्ली में चंद्रशेखर के जी के चहेते थे। चंद्रशेखर जी के साथ उस पद पर थे जहां सब जानकारी थी, लेकिन खुद अपने अखबार तक को इस्तीफे की भनक नहीं आने दी। अपने अखबार में खबर नहीं छपने दी।’
पीएम ने कहा कि रांची में जब हरिवंश जी चले गए और प्रभात खबर का सर्कुलेशन 400 थे। बैंक में अवसर था, प्रतिभावान थे, लेकिन 400 सर्कुलेशन वाले अखबार में खुद को खपा दिया। मैं मानता हूं कि हरिवंश जी के युग का सबसे बड़ा योगदान होगा उन्होंने जनआंदोलनों को आगे बढ़ाया। परमवीर अल्बर्ट एक्का शहीद हुए थे तो उनकी पत्नी बेहाल जिंदगी गुजार रही थी। हरिवंश जी ने जिम्मा लिया, लोगों से धन इकट्ठा किया और 4 लाख रुपए इकट्ठा कर शहीद की पत्नी को पहुंचा आए। दशरथ मांझी को खोजकर उनकी कथा प्रकाशित करने का जिम्मा भी इन्होंने ही उठाया था।’
पीएम मोदी ने कहा कि अखबार चलाना पत्रकारों को चलाना सरल होता है, लेकिन सदन की अपनी चुनौती होती है। मोदी ने कहा, ‘यहां खिलाड़ियों से ज्यादा अंपायर परेशान रहते हैं। नियमों में खेलने के लिए सांसदों को मजबूर करना चुनौतीपूर्ण काम है।’ पीएम ने उपसभापति की पत्नी को भी याद किया और कहा, ‘हरिवंश जी की पत्नी आशा जी चंपारण से हैं। उन्होंने राजनीति विज्ञान में एमए किया है। उनके अकैडमिक नॉलेज से आपको मदद मिलेगी।
भाषण की अपनी शैली के लिए मोदी जाने जाते हैं, उसकी झलक फिर राज्यसभा में दिखी। उन्होंने कहा, ‘अब सदन का मंत्र बन जाएगा हरिकृपा। अब सब कुछ हरि भरोसे। सभी सांसदों पर हरिकृपा बनी रहेगी। इस चुनाव में 2 हरि थे एक वी के हरिप्रसाद और दूसरे हरि में कोई वीके नहीं था। मैं वीके हरिप्रसाद जी को लोकतंत्र की गरिमा के सम्मान के लिए बधाई देना चाहूंगा। उन्होंने अपने अखबार में एमपी कैसा होना चाहिए कि मुहिम चलाई थी। हम सभी सांसदों को ट्रेनिंग मिलेगी।’
निरंजन कुमार