राहुल गांधी को पार्टी के पीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रॉजेक्ट करने के 2 दिन बाद कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह विपक्षी पार्टियों के बीच पीएम कैंडिडेट को लेकर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगी। वहीं, कांग्रेस से जुड़े शीर्ष सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि राहुल गांधी के नाम पर विपक्षी दलों में सहमति नहीं बनने की सूरत में पार्टी किसी गैर-कांग्रेसी नेता को भी इस शीर्ष पद के लिए स्वीकार कर सकती है। दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस पर तंज कसा है कि इस मॉनसून ‘प्रधानमंत्रियों की बारिश’ हो रही है।
‘BJP को सत्ता से बाहर करना कांग्रेस की एक मात्र प्राथमिकता’
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष से उम्मीद है कि वह ऐंटी-बीजेपी गठबंधन के शिल्पी के तौर पर उभरेंगे। भले ही कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने पीएम पद के लिए चेहरे के तौर पर राहुल गांधी में विश्वास जताया है लेकिन सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व की यह राय है कि पार्टी को विपक्षी दलों से बातचीत आगे बढ़ाने के लिए खुले मन से सोचने की जरूरत है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी का मुख्य फोकस बीजेपी की अगुआई वाली केंद्र सरकार को बाहर का रास्ता दिखाना है न कि विपक्षी दलों में नेतृत्व के मुद्दे पर उलझना है।
कांग्रेस के इस रुख से टीएमसी की ममता बनर्जी, बीएसपी की मायावती, एसपी और आरजेडी जैसे छोटे व क्षेत्रीय दलों को राहत मिल सकती है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों ने जोर देकर कहा कि इसका मतलब यह भी नहीं है कि पार्टी क्षेत्रीय दलों के पिछलग्गू के तौर पर काम करना चाहती है। उसका एक मात्र उद्देश्य मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करना है।
बीजेपी का तंज, ‘प्रधानमंत्रियों की बरसात’
कांग्रेस की इस रणनीति पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि कांग्रेस ने पहले राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार प्रॉजेक्ट किया और अब वह किसी को भी स्वीकार करने के लिए तैयार है, ऐसा लगता है जैसे ‘प्रधानमंत्रियों की बारिश’ हो रही है। बीजेपी प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘पहले प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी और अब ‘कोई भी’, ऐसा लगता है जैसे इस मॉनसून ‘प्रधानमंत्रियों की बारिश’ हो रही है लेकिन यह मत भूलिए कि PM सिर्फ 2 अक्षरों का शब्द नहीं है। P का मतलब है परफॉर्मेंस, M का मतलब है मेहनत। क्या मुझे अब भी कहने की जरूरत है कि किसे प्रधानमंत्री होना चाहिए या किसे प्रधानमंत्री बरकरार रहना चाहिए?’
From Rahul as the “PM nominee” to “Anyone” as PM nominee it seems this Monsoon it’s “Raining Prime Ministers”
But let’s not forget that PM is not just another two lettered word
“P” for PERFORMANCE
“M” for MEHNAT(मेहनत)Now need I say Who Is and Who would continue to be the PM? pic.twitter.com/ZVAzoJKNBX
— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 25, 2018