सरकार मौजूदा संसद सत्र में ‘सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005’ (आरटीआई) में कुछ बदलाव करना चाहती है। AAP नेता संजय सिंह ने प्रस्तावित बदलाव का विरोध करते हुए कहा है कि सरकार सूचना आयुक्त को सरकारी गुलाम बनाना चाहती है। आयुक्त के कार्यकाल और वेतनमान को तय करके वह उसके ऊपर अपना नियंत्रण स्थापित करना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट के माध्यम से कहा है कि हर भारतीय को सच जानने का अधिकार है और भाजपा सरकार लोगों को सच जानने से रोकना चाहती है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, हर भारतीय को सच जानने का अधिकार है। भाजपा का मानना है कि सच को लोगों से छुपाना चाहिए और लोगों को सत्तासीन शख्स से सवाल नहीं पूछना चाहिए। आरटीआई अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन उसे बेकार कानून बना देंगे। इसका हर भारतीय को विरोध करना चाहिए।
राहुल के मुताबिक आरटीआई कानून में बदलाव से यह कमजोर हो जाएगा। विपक्षी दल वर्तमान एनडीए सरकार पर हमेशा संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाते रहे हैं। आरटीआई अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव को भी इसी रुप में देखा जा रहा है।
क्या है प्रस्तावित बदलाव
मौजूदा कानून में मुख्य सूचना आयुक्त को पांच साल के लिए (या 65 वर्ष तक की आयु का होने तक) नियुक्त किया जाता है। उसका वेतनमान चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त के बराबर होता है। कथित रुप से सरकार मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति के बाद केंद्र सरकार की सहमति तक बने रहने का प्रावधान करना चाहती है। इसके अलावा सरकार चुनाव आयुक्तों का वेतनमान भी चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त से अलग तय करने का कोई मानक बनाना चाहती है।
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 कांग्रेस की बड़ी उपलब्धि
यूपीए के कार्यकाल में जो भी कानून लाए गए थे, उनमें सूचना का अधिकार कानून बेहद अहम माना जाता है। इससे पहली बार देश के आम नागरिक को सरकार की योजनाओं और उससे जुड़ी सूचनाओं को पाने का अधिकार दिया गया। माना जाता है कि इस कानून ने देश में कई घोटालों और व्यवस्था की अनियमितता को सामने लाने का काम किया है।
बीते बुधवार को ही एक आरटीआई कार्यकर्ता ने एक जानकारी सार्वजनिक कर सरकार को बैकफुट पर ला दिया। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गोद लिए आदर्श ग्राम में सांसद निधि से एक भी रुपया खर्च नहीं किया।
Every Indian has the right to know the truth. The BJP believes the truth must be hidden from the people and they must not question people in power. The changes proposed to the RTI will make it a useless Act. They must be opposed by every Indian. #SaveRTI pic.twitter.com/4mjBTwQnYK
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2018