सुप्रीम कोर्ट ने देश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को लागू नहीं किए जाने पर गहरी नाराज़गी जताई है देश में प्रतिदिन बढ़ रहे कचरे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा की भारत की स्थिति गंदगी को लेकर सही नहीं है एक दिन ऐसा आएगा जब गंदगी के ढेर में पूरा भारत बदल जाएगा। वहीं मामले पर शीर्ष अदालत ने भी अपना कड़ा रुख करते हुए कहा कि वह दिन अब धीरे धीरे नजदीक आ रहा है जब गाजीपुर में कचरे का पहाड़ क़ुतुब मीनार की ऊंचाई छू लेगा। जैसे विमान को रोकने के लिए हरी और लाल बत्ती काम करती है वैसे ही कचरे में भारत को कचरे में दबने से बचने के लिए भी बत्ती की जरूरत है। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा, ‘‘हम आदेश देते रहते हैं, लेकिन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को लागू नहीं किया गया। आदेश देने का क्या फायदा है जब कोई भी इसे लागू करने को चिंतित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में कूड़े के नहीं निवारण का जिक्र करते केंद्र शासित प्रदेशों से ठोस अपशिष्ट के निपटारे के लिए तीन महीने एक योजना बनाने के लिए कहा है। इसी केस पर काम कर रहे अदालत के सहयोगी वकील कोलिन गोंजाल्विस ने अपने बयान में कहा जल्द ही सरकार तीन से चार महीने में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमों को लागू करने का निर्देश दे और अगर सरकार इस नियम को लागू करने में विफल रहती है तो सरकार पर भी करवाई की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई में रही है जिसके बाद पूरे देश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम पर सुनवाई होगी।